फरवरी 2025 में आयोजित होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी इस बार खेल से अधिक विवादों के लिए चर्चा में है। भारत-पाकिस्तान के राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव के साथ-साथ इंग्लैंड ने अफगानिस्तान के खिलाफ खेलने के मुद्दे को लेकर नया मोर्चा खोल दिया है। इस लेख में हम इन विवादों और उनके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ब्रिटेन की संसद में उठी विरोध की आवाज
ब्रिटेन के 160 से अधिक सांसदों ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को पत्र लिखकर अफगानिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में मैच न खेलने का आग्रह किया है। इन सांसदों का तर्क है कि तालिबान शासन में महिलाओं के अधिकारों का जिस तरह से दमन किया जा रहा है, उसके विरोध में इंग्लैंड को अपनी क्रिकेट टीम के माध्यम से सशक्त संदेश देना चाहिए।
इस पत्र पर लेबर पार्टी के सांसद टोनी एंतोनियाजी, जेरेमी कॉर्बिन सहित अन्य नेताओं के हस्ताक्षर थे।
सांसदों ने अपने पत्र में लिखा:
“हम मानते हैं कि इंग्लैंड की क्रिकेट टीम को अफगानिस्तान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए। यह संदेश देना जरूरी है कि इस तरह के अत्याचार स्वीकार नहीं किए जाएंगे।”
तालिबान शासन और महिलाओं के अधिकारों पर प्रतिबंध
2021 में अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद से तालिबान ने महिलाओं पर कई कठोर प्रतिबंध लगाए हैं। महिलाओं को शिक्षा, खेल और सार्वजनिक जीवन में भाग लेने से वंचित किया गया है। इन प्रतिबंधों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संगठनों और कई देशों को झकझोर दिया है। ब्रिटेन की संसद के दोनों सदनों, हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स, ने इस विषय पर ईसीबी से कार्रवाई करने की अपील की है।
ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचार्ज गाउल्ड ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा:
“ईसीबी अफगानिस्तान में तालिबान शासन द्वारा महिलाओं और बच्चियों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार की निंदा करता है। हालांकि, इस मुद्दे पर एकजुटता से कदम उठाना जरूरी है, ताकि इसका प्रभाव व्यापक हो।”
ईसीबी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे अफगानिस्तान के खिलाफ किसी द्विपक्षीय श्रृंखला का आयोजन नहीं करेंगे। हालांकि, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बहुपक्षीय टूर्नामेंट में खेलना उनकी बाध्यता है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का कार्यक्रम और विवाद
चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से 9 मार्च 2025 के बीच पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित की जाएगी। टूर्नामेंट में इंग्लैंड और अफगानिस्तान के बीच मुकाबला 26 फरवरी को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला जाएगा।
इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया था। इसके चलते टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने का फैसला लिया गया है, जहां भारत के मैच यूएई में खेले जाएंगे।
राजनीति और खेल का टकराव
इस विवाद ने खेल के मैदान से लेकर राजनीतिक गलियारों तक हलचल मचा दी है। इंग्लैंड के सांसदों की अपील और ईसीबी का रुख यह सवाल खड़ा करता है कि क्या खेल के माध्यम से ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर प्रभाव डाला जा सकता है। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 केवल क्रिकेट का मंच नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक, सामाजिक और कूटनीतिक मुद्दों का भी केंद्र बन गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इंग्लैंड का अगला कदम क्या होगा और क्या अन्य देश इस मामले में कोई भूमिका निभाएंगे। वहीं, टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों और प्रशंसकों को भी इन विवादों के बीच क्रिकेट का जादू देखने का मौका मिलेगा।
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