बिहार शिक्षकों की नई अवकाश नियमावली 2025
पटना, बिहार: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य के शिक्षकों के लिए अवकाश नियमों को और अधिक स्पष्ट, सुगम और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिनांक 02/06/2025 को शिक्षा विभाग के उप सचिव द्वारा जारी एक विस्तृत अधिसूचना (पत्रक-11/वि 11-137/2024 (अंश) 1444) में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक के प्रधानाध्यापकों, प्रधान शिक्षकों, सहायक शिक्षकों, विशिष्ट शिक्षकों और विद्यालय अध्यापकों (स्थानीय निकाय के शिक्षकों को छोड़कर) के लिए अवकाश स्वीकृति की प्रक्रिया और शर्तों को नए सिरे से परिभाषित किया गया है।
इस नियमावली का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जिलों में अवकाश स्वीकृति को लेकर व्याप्त भिन्नताओं को समाप्त कर एकरूपता लाना है, ताकि शिक्षकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
विभिन्न अवकाश प्रकार और उनकी स्वीकृति की विस्तृत प्रक्रिया
शिक्षा विभाग ने विभिन्न प्रकार के अवकाशों के लिए स्पष्ट नियम, उनकी अवधि, स्वीकृति देने वाले सक्षम प्राधिकार और आवेदन निपटान की अधिकतम समय-सीमा तय की है।
बिहार सरकार ने 2025 में राज्य के शिक्षकों के लिए एक नई अवकाश नियमावली लागू की है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को पारदर्शी, सरल और डिजिटल प्रणाली के माध्यम से अवकाश की सुविधा प्रदान करना है। यह नियमावली प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के सभी शिक्षक व प्रधानाध्यापक पर लागू होगी, जिनकी नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन की गई है। स्थानीय निकाय के अंतर्गत आने वाले शिक्षक इस नियमावली से बाहर रहेंगे।
नियमावली का कानूनी आधार
यह अवकाश नियमावली बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2023, बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023, और बिहार सेवा संहिता के तहत वित्त विभाग के संकल्प दिनांक 01.12.2015 के आधार पर लागू की गई है।
नियमावली किस पर लागू होगी
यह नियम सभी प्रकार के विद्यालय शिक्षकों जैसे प्रधानाध्यापक, प्रधान शिक्षक, सहायक शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों पर लागू होगी, जो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित सेवा शर्तों के अंतर्गत नियुक्त हुए हैं।
आकस्मिक अवकाश
शिक्षकों को प्रति वर्ष 16 दिन आकस्मिक अवकाश अनुमन्य होगा। एक बार में अधिकतम 10 दिन से अधिक अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। यह अवकाश अन्य किसी प्रकार की छुट्टी से नहीं जोड़ा जाएगा। सहायक शिक्षक का आवेदन प्रधानाध्यापक द्वारा स्वीकृत किया जाएगा और प्रधानाध्यापक का आवेदन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्वीकृत करेंगे। इसके लिए आवेदन प्राप्त होते ही उसी दिन निर्णय लिया जाना अनिवार्य है।
विशेष आकस्मिक अवकाश
महिला शिक्षकों को प्रत्येक माह दो दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश अनुमन्य होगा। यह अवकाश अन्य सार्वजनिक अवकाश या आकस्मिक अवकाश से अलग होगा। प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक इस अवकाश को स्वीकृत करेंगे और निर्णय उसी दिन लिया जाएगा जिस दिन आवेदन प्राप्त हो।
मातृत्व अवकाश
महिला शिक्षकों को दो जीवित संतान तक के लिए प्रति संतान 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा। यह अवकाश बिना वेतन रोके स्वीकृत होगा और इसके लिए वेतन भुगतान की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। इस अवकाश को जिला शिक्षा पदाधिकारी सात कार्य दिवस के भीतर स्वीकृत करेंगे।
शिशु देखभाल अवकाश
महिला शिक्षक को दो जीवित संतानों के लिए अधिकतम 730 दिन का शिशु देखभाल अवकाश दिया जाएगा। यह सुविधा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए होगी। यह अवकाश भी मातृत्व अवकाश की तरह वेतन सहित अनुमन्य है और इसे जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सात कार्य दिवस में स्वीकृत किया जाएगा।
पितृत्व अवकाश
पुरुष शिक्षक को यदि उसकी दो से कम संतान हैं तो संतान के जन्म से 6 माह के भीतर 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा। यह अवकाश भी जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सात कार्य दिवस में स्वीकृत किया जाएगा।
उपार्जित अवकाश
सेवाकाल के दौरान शिक्षक अधिकतम 300 दिन तक उपार्जित अवकाश का संचयन कर सकता है। इस अवकाश को जिला शिक्षा पदाधिकारी सात कार्य दिवस में स्वीकृत करेंगे।
अध्ययन अवकाश
शिक्षक को अध्ययन हेतु सेवा संहिता के नियमों 232, 233 और 248 के तहत अध्ययन अवकाश दिया जा सकता है। इसकी स्वीकृति भी जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा सात कार्य दिवस में की जाएगी।
रूपांतरित अवकाश
स्वास्थ्य कारणों से शिक्षक रूपांतरित अवकाश ले सकता है, जिसकी अधिकतम सीमा पूरे सेवाकाल में 180 दिन है। यह अवकाश भी जिला शिक्षा पदाधिकारी सात कार्य दिवस में स्वीकृत करेंगे।
असाधारण अवकाश
यह अवकाश अवैतनिक होगा और सेवा संहिता की नियमावली संख्या 180, 236 और 248 के तहत यह स्वीकृत किया जाएगा। इसे भी जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सात कार्य दिवस में निर्णय लिया जाएगा।
अदेय अवकाश
यह अवकाश ऐसे मामलों में दिया जाएगा जहां शिक्षक के पास पर्याप्त अवकाश उपलब्ध नहीं है लेकिन उसे चिकित्सा प्रमाणपत्र के आधार पर अवकाश की आवश्यकता है। यह अवकाश भी अधिकतम 180 दिन के लिए अनुमन्य होगा, बशर्ते कि शिक्षक भविष्य में सेवा देगा। इसे भी जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सात कार्य दिवस में स्वीकृत किया जाएगा।
अवकाश आवेदन की प्रक्रिया
सभी शिक्षकों को अपने अवकाश आवेदन ऑनलाइन माध्यम से करना होगा। इसके लिए “ई-शिक्षाकोष” पोर्टल पर लॉगिन कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना अनिवार्य है। आकस्मिक और विशेष आकस्मिक अवकाश को छोड़कर अन्य सभी अवकाशों के लिए ऑनलाइन आवेदन 23 जून 2025 के बाद अनिवार्य हो जाएगा।
स्वीकृति की समय सीमा
हर प्रकार के अवकाश की स्वीकृति के लिए अधिकतम समय सीमा सात कार्य दिवस रखी गई है। निर्धारित समय में यदि सक्षम प्राधिकारी द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया तो अवकाश को स्वतः स्वीकृत माना जाएगा।
सेवा हित सर्वोपरि
शिक्षकों को यह स्पष्ट किया गया है कि अवकाश उनका अधिकार नहीं है। यदि विद्यालय की व्यवस्था या पठन-पाठन में बाधा उत्पन्न होती है तो सक्षम प्राधिकारी अवकाश आवेदन अस्वीकृत कर सकते हैं। आवश्यक होने पर पहले से स्वीकृत अवकाश भी निरस्त किया जा सकता है।
Bihar Teacher Leave Rules 2025 – एक नजर में
क्रम | अवकाश प्रकार | मुख्य प्रावधान | सक्षम प्राधिकार | निर्णय समय सीमा |
---|---|---|---|---|
1 | आकस्मिक अवकाश | 16 दिन/वर्ष, एक बार में अधिकतम 10 दिन | प्रधानाध्यापक/PEO | आवेदन दिवस |
2 | विशेष आकस्मिक अवकाश (महिला) | 2 दिन/माह | प्रधानाध्यापक/प्रभारी | आवेदन दिवस |
3 | मातृत्व अवकाश | 180 दिन (पहली दो संतान हेतु) | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
4 | शिशु देखभाल अवकाश | अधिकतम 730 दिन (दो संतान हेतु) | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
5 | पितृत्व अवकाश | 15 दिन | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
6 | उपार्जित अवकाश | अधिकतम 300 दिन तक जमा | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
7 | अध्ययन अवकाश | सेवा संहिता के अनुरूप | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
8 | रूपांतरित अवकाश | अधिकतम 180 दिन | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
9 | असाधारण अवकाश | अवैतनिक | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
10 | अदेय अवकाश | स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पर, 180 दिन | जिला शिक्षा पदाधिकारी | 07 कार्य दिवस |
Bihar सरकार द्वारा जारी यह नई अवकाश नियमावली शिक्षकों की कार्यदशा को संतुलित बनाने, पारदर्शिता लाने और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने का सराहनीय प्रयास है। ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से यह व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल और ट्रैक योग्य हो जाएगी जिससे शिक्षकों को बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
बिहार शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर लॉगिन करें
बिहार सेवा संहिता (PDF दस्तावेज)
Also Read:
Bihar Teacher Salary Calculator 2025: आसानी से अपने वेतन की गणना करें