ग्लेन मैक्सवेल ने वनडे क्रिकेट से लिया संन्यास, T20 वर्ल्ड कप 2026 तक खेलते रहेंगे

ग्लेन मैक्सवेल ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया

ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। 36 वर्षीय मैक्सवेल ने तत्काल प्रभाव से 50 ओवर के प्रारूप से संन्यास लेने की घोषणा की, लेकिन वे T20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहेंगे और उम्मीद है कि अगले साल होने वाले T20 वर्ल्ड कप तक खेलना जारी रखेंगे।

मैक्सवेल ने यह फैसला टीम और अपने शरीर की भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया। उन्होंने माना कि 2022 में पैर टूटने के बाद वनडे क्रिकेट की शारीरिक मांगें उनके लिए भारी पड़ने लगी थीं। हाल ही में संपन्न चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी उन्हें मैचों के बाद असहजता महसूस हो रही थी।

संन्यास का कारण खुद मैक्सवेल की ज़ुबानी

मैक्सवेल ने ‘फाइनल वर्ड’ पॉडकास्ट में कहा, “मुझे लगने लगा था कि मेरा शरीर अब टीम के लिए बाधा बन रहा है। मैंने चयनकर्ता प्रमुख जॉर्ज बेली से चर्चा की और कहा कि अब समय आ गया है कि मेरी जगह किसी युवा को तैयार किया जाए। मैं किसी सीरीज़ में केवल अपनी जगह बनाए रखने के लिए नहीं खेलना चाहता। टीम को स्पष्ट दिशा में आगे बढ़ने के लिए यह सही समय है।”

ग्लेन मैक्सवेल का शानदार करियर और ऐतिहासिक पारियां

ग्लेन मैक्सवेल का वनडे करियर आंकड़ों से कहीं बड़ा रहा। उन्होंने 149 मैचों में 33.81 की औसत से 3990 रन बनाए और 77 विकेट भी झटके। उनका स्ट्राइक रेट 117.05 रहा, जो 2000+ रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में सबसे तेज़ है।

उनकी सबसे ऐतिहासिक पारी 2023 वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खिलाफ आई, जहां उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए 201* रनों की नाबाद पारी खेली – वनडे में चेज़ करते हुए पहली और नॉन-ओपनर द्वारा पहली डबल सेंचुरी।

इसके अलावा, उन्होंने नीदरलैंड्स के खिलाफ वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे तेज़ शतक (40 गेंद) और श्रीलंका के खिलाफ 2015 में 51 गेंदों में सेंचुरी लगाई थी। इंग्लैंड के खिलाफ 73/5 की स्थिति में 303 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए उनकी मैच जिताऊ सेंचुरी भी यादगार रही।

ऑलराउंड स्किल ग्लेन मैक्सवेल गेंदबाज़ी और फ़ील्डिंग भी लाजवाब

ग्लेन मैक्सवेल ने 2015 वर्ल्ड कप में मुख्य स्पिनर की भूमिका निभाई थी और 2023 में वे दूसरे स्पिनर के तौर पर प्रभावशाली रहे। फाइनल में उन्होंने रोहित शर्मा का महत्वपूर्ण विकेट लिया, जिसने मैच का रुख़ मोड़ दिया। 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने आख़िरी ओवर में डबल विकेट मेडन डालकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई थी।

मैदान पर उनकी फुर्ती और शानदार फ़ील्डिंग – चाहे वो इनर सर्कल हो या बाउंड्री लाइन – हमेशा टीम के लिए पूंजी रही है।

चयनकर्ता प्रमुख जॉर्ज बेली ने कहा, “ग्लेन को वनडे इतिहास के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में गिना जाएगा। उनका जुनून और टीम के लिए समर्पण प्रेरणादायक रहा है।”

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के CEO टॉड ग्रीनबर्ग ने कहा, “ग्लेन की वजह से लाखों बच्चों ने क्रिकेट को अपनाया। 2023 वर्ल्ड कप में उनकी वीरता को हम कभी नहीं भूल पाएंगे।” मैक्सवेल फिलहाल IPL में लगी अंगुली की चोट से उबर रहे हैं और उम्मीद है कि वे जल्द ही अमेरिका में होने वाली मेजर लीग क्रिकेट में खेलते नजर आएंगे। इसके बाद 20 जुलाई से शुरू हो रहे कैरेबियाई T20 दौरे के लिए वे ऑस्ट्रेलिया की टीम में शामिल हो सकते हैं।

ग्लेन मैक्सवेल भले ही वनडे से विदा ले चुके हैं, लेकिन उनके बल्ले का तूफ़ान T20 में अभी बाकी है।

मुख्य बातें उनके क्रिकेट करियर की 

ग्लेन मैक्सवेल ने ODI क्रिकेट से संन्यास लिया है, लेकिन वे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच जारी रखेंगे।

  • उन्होंने यह फैसला अपनी सेहत की देखभाल और चोटों को ध्यान में रखते हुए लिया है।
  • उनके करियर के आंकड़ों में 149 वनडे मैचों में 3990 रन, उच्च स्ट्राइक रेट 117.05, और 77 विकेट शामिल हैं।
  • खास उपलब्धियों में विश्व कप का सबसे तेज़ शतक और चेज़ में डबल सेंचुरी प्रमुख हैं।
  • उन्होंने कई यादगार मैचों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे 2014 का अंतिम ओवर विकेट और शतक।
  • उनकी गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें विशेष बना दिया।
  • क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और चयनकर्ताओं ने उनके योगदान की प्रशंसा की है और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है।

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