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Headingley टेस्ट में बुमराह का कहर और भारत की लचर फील्डिंग जीत के करीब आकर भी फिसला मौका,इंग्लैंड के 3 विकेट गिरे


Headingley टेस्ट भारत और इंग्लैंड के बीच पहले टेस्ट मैच का दूसरा दिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए रोमांच, निराशा और उम्मीद का मिला-जुला चेहरा बनकर उभरा। एक तरफ यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतक लगाकर भारत को 471 रनों की मजबूत पारी दिलाई, वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड को आउट करने का मौका भारत ने अपनी गलतियों से गंवा दिया। इस पूरे दिन के केंद्र में रहे जसप्रीत बुमराह, जिनकी गेंदबाज़ी ने इंग्लैंड को हिला कर रख दिया लेकिन अंतिम ओवर की एक ‘नो बॉल’ ने भारत की बढ़त को थोड़ा डगमगा दिया।

यशस्वी जायसवाल का क्लास और भारत की ठोस शुरुआत

Headingley टेस्ट  यशस्वी जायसवाल

Headingley टेस्ट के दूसरे दिन की शुरुआत भारत के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल के शतक के साथ हुई। इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण पिच और बेन स्टोक्स की टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने की रणनीति के बावजूद जायसवाल ने सूझबूझ और तकनीक से भरी पारी खेली। उन्होंने 144 गेंदों में 16 चौकों और 1 छक्के की मदद से शतक पूरा किया।

भारत ने 430/3 तक बेहतरीन स्थिति बना ली थी और लग रहा था कि टीम 550+ तक जाएगी। लेकिन अचानक जैसे सबकुछ बिखर गया अगली 41 रन में 7 विकेट गिर गए। टीम 471 पर ऑलआउट हो गई। यह स्कोर अपने-आप में अनोखा रहा तीन शतक लगने के बावजूद किसी टीम का इतना जल्दी ढेर होना टेस्ट इतिहास में कम ही देखा गया है।

बुमराह का तीखा स्पेल और इंग्लैंड की मुश्किल

जैसे ही इंग्लैंड की पारी शुरू हुई, बुमराह ने पहली ही गेंदों से आग उगलना शुरू कर दिया। ज़ाक क्रॉली को शुरुआती ओवर में ही 4 रन पर चलता किया गया, और फिर उन्होंने बेन डकेट को 62 रन पर क्लीन बोल्ड कर इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को झटका दिया।

लेकिन बुमराह का असली ड्रामा आया दिन के Headingley टेस्ट के अंतिम ओवर में, जब जो रूट को आउट कर वो फिर से एक बार भारत के स्टार बने। यह रूट का टेस्ट में बुमराह के खिलाफ 10वां विकेट था एक बड़ी उपलब्धि।

अब क्रीज़ पर थे हैरी ब्रुक, और बुमराह ने उन्हें निशाना बनाया। उन्होंने कुछ फुल लेंथ गेंदें फेंकीं, जिससे ब्रुक को ये विश्वास हो गया कि अगली गेंद भी वैसी ही होगी। लेकिन तभी बुमराह ने एक शॉर्ट गेंद फेंकी, जो ब्रुक के अंदाज़े से बाहर थी। ब्रुक ने एक अधूरे से पुल शॉट के साथ गेंद को शॉर्ट मिडविकेट की ओर खेला, जहां मोहम्मद सिराज ने डाइव लगाकर शानदार कैच लपक लिया।

पूरा मैदान खुशी से झूम उठा… लेकिन तभी अंपायर ने ईयरपीस में संदेश दिया “नो बॉल”

ड्रेसिंग रूम में सन्नाटा और इंग्लिश खिलाड़ियों की घबराहट

बाद में इंग्लैंड के ओपनर बेन डकेट ने खुलासा किया कि उस ओवर ने ड्रेसिंग रूम में सभी को ‘हिला’ दिया था। उन्होंने कहा, “वो बुमराह का ‘ओवर ऑफ हेल’ था। ब्रुक जब वापस लौटे, तो वो हिल चुके थे। पूरे ड्रेसिंग रूम में एक पल के लिए सन्नाटा छा गया था।”

ऐसे क्षण टेस्ट मैचों की दिशा बदल देते हैं। और भारत के पास यह मौका था लेकिन सिर्फ कुछ इंच की चूक ने सबकुछ बदल दिया।

शुभमन गिल की कप्तानी और भारतीय गेंदबाज़ों की जिम्मेदारी

कप्तान शुभमन गिल ने मैच से पहले कहा था कि वह “बड़े मौके पर बड़ी पकड़” चाहते हैं, लेकिन इस मैच में भारत ने कई मौके खुद गंवाए। बुमराह के अलावा कोई भी गेंदबाज़ इंग्लैंड पर दबाव नहीं बना सका। प्रसिध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर ने मिलकर 13 ओवर में 79 रन लुटा दिए। सिराज ने कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

बुमराह बार-बार आकर स्थिति संभालते रहे, लेकिन क्या ये हमेशा संभव है?

क्या भारत ने मौका गंवा दिया?

भारत अब भी Headingley टेस्ट मैच में आगे है, लेकिन जो अंतर पहले 200 रन का दिख रहा था, वो अब सिमटकर 50–60 रन रह गया है। 471 रन का स्कोर भले ही विशाल लगे, लेकिन इंग्लैंड जैसी आक्रामक टीम के सामने, जहां बल्लेबाज़ मौके का इंतज़ार नहीं करते, उसे रोकना आसान नहीं होगा।

यह मैच भारत के लिए सबक है बड़ी बढ़त का कोई मतलब नहीं, अगर आप दरवाज़ा पूरी तरह बंद न करें। और यही भारत की सबसे बड़ी भूल रही उन्होंने दरवाज़ा बंद करने की जगह उसे खुला छोड़ दिया।

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