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Ovarian Cyst के फटने का दर्दनाक अनुभव Miley Cyrus ने बताया : जानिए इसके लक्षण, खतरे और इलाज

मिली साइरस का Ovarian Cyst का दर्दनाक अनुभव

पॉप स्टार मिली साइरस ने हाल ही में अपने एक ऐसे अनुभव को साझा किया, जिसने न केवल उनके प्रशंसकों को चौंकाया, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े एक गंभीर मुद्दे को भी सामने लाया। 32 वर्षीय इस गायिका ने खुलासा किया कि 2023 में न्यू ईयर की पार्टी के दौरान, जब वह अपनी गॉडमदर और कंट्री म्यूजिक की दिग्गज डॉली पार्टन के साथ शो होस्ट कर रही थीं, उनका ओवेरियन सिस्ट फट गया। इस घटना ने उन्हें असहनीय दर्द और मानसिक आघात से गुजरने को मजबूर किया। Apple Music 1 के The Zane Lowe Show में उन्होंने बताया, “यह एक डरावना और बेहद दर्दनाक अनुभव था। हमें पहले समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है, लेकिन मैंने फिर भी शो पूरा किया।”

Ovarian Cyst

मिली का यह अनुभव न केवल उनकी हिम्मत को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कई बार महिलाएं अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देती हैं। यह कहानी हमें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने और समय पर चिकित्सा सहायता लेने की जरूरत को रेखांकित करती है। इस लेख में हम ओवेरियन सिस्ट के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके लक्षण, खतरे, भारत में इसकी स्थिति, और सरकार की पहलों को समझेंगे, ताकि आप इस विषय को पूरी तरह समझ सकें।

मिली साइरस की कहानी: साहस और स्वास्थ्य का सबक

मिली साइरस ने न्यू ईयर की पूर्व संध्या पर Miley’s New Year’s Eve Party की मेजबानी के दौरान अचानक तेज दर्द का सामना किया। बाद में पता चला कि यह दर्द एक Ovarian Cyst के फटने के कारण था। उन्होंने बताया कि दर्द इतना असहनीय था कि वह इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती थीं। फिर भी, अपनी प्रोफेशनल प्रतिबद्धता को निभाते हुए, उन्होंने शो को पूरा किया। इस अनुभव ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने संगीत छोड़ने तक का विचार किया। हालांकि, Saturday Night Live के निर्माता लॉर्न माइकल्स की सलाह ने उन्हें नई प्रेरणा दी। लॉर्न ने कहा कि हर किसी को अपने दुख में कुछ समय मिलता है, लेकिन फिर पुनर्निर्माण शुरू करना पड़ता है। इस प्रेरणा के साथ मिली ने अपने आगामी एल्बम Something Beautiful पर काम शुरू किया, जो 30 मई 2025 को रिलीज होने वाला है।

मिली की कहानी हमें सिखाती है कि स्वास्थ्य को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। उनका यह साहसिक कदम प्रशंसनीय है, लेकिन यह भी एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है।

ओवेरियन सिस्ट क्या हैं?

ओवेरियन सिस्ट तरल पदार्थ से भरी छोटी थैलियां होती हैं, जो अंडाशय पर या उसके अंदर बनती हैं। ये सिस्ट ज्यादातर प्रजनन उम्र की महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के दौरान प्राकृतिक रूप से बनते हैं। दिल्ली की प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वैशाली शर्मा बताती हैं कि लगभग 7% महिलाओं में, चाहे वे प्रीमेनोपॉज़ल हों या पोस्टमेनोपॉज़ल, ओवेरियन सिस्ट पाए जाते हैं। ज्यादातर सिस्ट, जिन्हें फंक्शनल सिस्ट कहा जाता है, अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन कुछ सिस्ट जटिल हो सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

Ovarian Cyst के प्रकार

कई तरह के ओवेरियन सिस्ट होते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ जटिल होते हैं। फंक्शनल सिस्ट में फॉलिकुलर सिस्ट शामिल हैं, जो तब बनते हैं जब अंडा रिलीज करने वाला फॉलिकल नहीं फटता और तरल पदार्थ से भर जाता है। कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट तब बनते हैं जब अंडा रिलीज होने के बाद फॉलिकल बंद हो जाता है। इसके अलावा, डर्मॉयड सिस्ट में बाल, दांत या त्वचा जैसे ऊतक हो सकते हैं, जबकि एंडोमेट्रियोमास एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े होते हैं। सिस्टएडेनोमास अंडाशय की सतह पर बनने वाली थैलियां हैं, जो तरल पदार्थ या म्यूकस से भरी हो सकती हैं। सबसे गंभीर, हालांकि दुर्लभ, कैंसरयुक्त सिस्ट होते हैं, जो खासकर रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में जोखिम पैदा करते हैं।

Ovarian Cyst फटने का कारण

सिस्ट के फटने के कई कारण हो सकते हैं। बड़े सिस्ट, खासकर 5-10 सेंटीमीटर से अधिक आकार वाले, फटने की अधिक संभावना रखते हैं। तीव्र शारीरिक गतिविधियां जैसे नृत्य, व्यायाम, या सेक्स सिस्ट को कमजोर कर सकती हैं। हार्मोनल बदलाव, विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान, भी सिस्ट को प्रभावित कर सकते हैं। गर्भावस्था में पहले तिमाही में कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट बनना आम है, लेकिन ये भी फट सकते हैं।

Ovarian Cyst के लक्षण शरीर के संकेतों को समझें

ज्यादातर ओवेरियन सिस्ट कोई लक्षण नहीं दिखाते और नियमित जांच के दौरान ही पता चलते हैं। लेकिन जब सिस्ट बड़े हो जाते हैं या फट जाते हैं, तो कई संकेत सामने आ सकते हैं। पेल्विक या पेट में दर्द, खासकर एक तरफ, एक आम लक्षण है। पेट में भारीपन या दबाव की अनुभूति, मासिक धर्म में अनियमितता, संभोग के दौरान दर्द, बार-बार पेशाब आना, और पेट में सूजन भी इसके संकेत हो सकते हैं।

जब सिस्ट फटता है, तो दर्द अचानक और तेज हो सकता है। मतली, उल्टी, चक्कर आना, कमजोरी, या बेहोशी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। अगर सिस्ट के फटने से आंतरिक रक्तस्राव हो, तो कम ब्लड प्रेशर या तेज दिल की धड़कन जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। बुखार और उल्टी के साथ दर्द संक्रमण का संकेत हो सकता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

Ovarian Cyst फटने से होने वाले खतरे

जब एक ओवेरियन सिस्ट फटता है, तो यह कई जटिलताओं को जन्म दे सकता है। आंतरिक रक्तस्राव एक गंभीर खतरा है, जो जीवन को जोखिम में डाल सकता है। अगर सिस्ट में बैक्टीरिया मौजूद हों, तो फटने पर सेप्सिस हो सकता है, जो एक खतरनाक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है। सिस्ट के कारण अंडाशय का मुड़ना, जिसे टॉर्शन कहते हैं, रक्त प्रवाह को रोक सकता है और आपातकालीन सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। बार-बार होने वाले सिस्ट या एंडोमेट्रियोमास बांझपन का कारण बन सकते हैं। हालांकि दुर्लभ, कुछ सिस्ट कैंसरयुक्त हो सकते हैं, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद।

अन्य बीमारियों से भ्रम: सही निदान क्यों जरूरी है?

ओवेरियन सिस्ट के लक्षण कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से मिलते-जुलते हो सकते हैं, जिससे सही निदान में देरी हो सकती है। एपेंडिसाइटिस में पेट के निचले दाहिने हिस्से में तेज दर्द होता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, यानी गर्भाशय के बाहर गर्भावस्था, गंभीर रक्तस्राव का कारण बन सकती है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज प्रजनन अंगों का संक्रमण है, जबकि एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय की परत के असामान्य विकास से जुड़ा है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में पेशाब में जलन और बार-बार पेशाब आना आम है। किडनी स्टोन और डाइवर्टिकुलाइटिस या IBS जैसी पाचन समस्याएं भी सिस्ट के लक्षणों से भ्रमित हो सकती हैं।

सही निदान के लिए पेल्विक जांच और ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड जरूरी हैं। कुछ मामलों में CA-125 जैसे रक्त परीक्षण कैंसर के जोखिम का आकलन करने में मदद करते हैं।

Ovarian Cyst का इलाज: विकल्प और देखभाल

Ovarian Cyst का इलाज उनके प्रकार, आकार, और लक्षणों पर निर्भर करता है। छोटे और फंक्शनल सिस्ट के लिए डॉक्टर नियमित निगरानी की सलाह दे सकते हैं, जिसमें समय-समय पर अल्ट्रासाउंड शामिल है। हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां फंक्शनल सिस्ट की पुनरावृत्ति को कम कर सकती हैं। बड़े, जटिल, या लक्षण वाले सिस्ट के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, जो लैपरोस्कोपी या लैपरोटॉमी के माध्यम से की जाती है।

अगर सिस्ट फट जाए, तो हल्के मामलों में दर्द निवारक और आराम पर्याप्त हो सकता है। लेकिन गंभीर मामलों में, जैसे आंतरिक रक्तस्राव या संक्रमण, अस्पताल में भर्ती, IV द्रव, या आपातकालीन सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। घरेलू उपायों में हीटिंग पैड का उपयोग पेल्विक दर्द को कम कर सकता है। सर्जरी के बाद 2-4 सप्ताह का आराम और पर्याप्त हाइड्रेशन रिकवरी में मदद करता है।

भारत में Ovarian Cyst एक नजर

भारत में ओवेरियन सिस्ट एक आम स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसके बारे में जागरूकता और समय पर निदान की कमी इसे और जटिल बनाती है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और जागरूकता के स्तर में बड़ा अंतर है। कई महिलाएं पेल्विक दर्द को मासिक धर्म का सामान्य हिस्सा मानकर नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

लगभग 7-10% भारतीय महिलाएं ओवेरियन सिस्ट से प्रभावित होती हैं, खासकर प्रजनन उम्र में। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) भी एक बड़ी समस्या है, जो 20-30% प्रजनन उम्र की महिलाओं में देखी जाती है। PCOS न केवल सिस्ट का कारण बनता है, बल्कि मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोगों का जोखिम भी बढ़ाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और सांस्कृतिक बाधाएं, जहां महिलाओं के स्वास्थ्य को अक्सर प्राथमिकता नहीं दी जाती, इस समस्या को और गंभीर बनाती हैं। शहरी क्षेत्रों में अल्ट्रासाउंड और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बेहतर है, लेकिन ग्रामीण महिलाओं के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।

भारत सरकार की स्वास्थ्य पहल

भारत सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जो ओवेरियन सिस्ट और अन्य स्त्री रोगों के निदान और उपचार में मदद कर रही हैं। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) एक ऐसी योजना है, जो प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान करती है। यह योजना सर्जरी और अस्पताल में भर्ती जैसे उपचारों को कवर करती है, जिससे ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को फायदा हो रहा है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और अस्पतालों की कमी इस योजना के प्रभाव को सीमित करती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) मातृ और प्रजनन स्वास्थ्य पर केंद्रित है। आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी केंद्र महिलाओं को स्वास्थ्य जांच के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के माध्यम से स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने PCOS और स्त्री रोगों के बारे में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जो रेडियो, टीवी, और सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी फैलाते हैं। मुफ्त डायग्नोस्टिक्स योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड और रक्त परीक्षण मुफ्त उपलब्ध हैं। e-Sanjeevani जैसे टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म ग्रामीण महिलाओं को विशेषज्ञों से परामर्श लेने में मदद कर रहे हैं। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) किशोरियों को मासिक धर्म और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करता है।

तुरंत चिकित्सा सहायता कब लें?

कुछ लक्षणों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अगर आपको अचानक तेज पेल्विक या पेट दर्द, बुखार के साथ उल्टी, चक्कर आना, कमजोरी, तेज सांस, या तेज दिल की धड़कन का अनुभव हो, तो यह आपातकालीन स्थिति हो सकती है। ये लक्षण आंतरिक रक्तस्राव, संक्रमण, या टॉर्शन का संकेत हो सकते हैं। समय पर चिकित्सा सहायता जटिलताओं को रोक सकती है।

ओवेरियन सिस्ट से बचाव और जागरूकता

Ovarian Cyst को पूरी तरह रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन कुछ कदम जोखिम को कम कर सकते हैं। सालाना पेल्विक अल्ट्रासाउंड और स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श से सिस्ट का जल्दी पता लगाया जा सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और वजन नियंत्रण PCOS और सिस्ट के जोखिम को कम करते हैं। तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है, इसलिए योग और मेडिटेशन फायदेमंद हो सकते हैं। सबसे जरूरी है कि महिलाएं अपने शरीर के संकेतों को समझें और असामान्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

मिली साइरस का योगदान: जागरूकता की मशाल

मिली साइरस जैसे सेलिब्रिटी का अपने अनुभव को साझा करना एक बड़ा कदम है। यह न केवल जागरूकता फैलाता है, बल्कि अन्य महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करता है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि प्रोफेशनल जिम्मेदारियां महत्वपूर्ण हैं, लेकिन स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं। भारत में, जहां सांस्कृतिक और सामाजिक बाधाएं महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में खुलकर बोलने से रोकती हैं, ऐसी कहानियां बदलाव ला सकती हैं।

अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें

ओवेरियन सिस्ट एक ऐसी समस्या है, जो सही समय पर ध्यान न देने पर गंभीर हो सकती है। भारत में जागरूकता की कमी और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच इसे और चुनौतीपूर्ण बनाती है। लेकिन सरकार की योजनाएं और बढ़ती जागरूकता इस दिशा में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। मिली साइरस का अनुभव हमें सिखाता है कि अपने शरीर के संकेतों को सुनना और समय पर चिकित्सा सहायता लेना कितना जरूरी है।

आपका स्वास्थ्य आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। अगर आपको कोई असामान्य लक्षण दिखे, तो उसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से सलाह लें, नियमित जांच करवाएं, और अपने स्वास्थ्य को हमेशा प्राथमिकता दें। क्योंकि जब आप स्वस्थ होंगी, तभी आप अपने सपनों को पूरा कर पाएंगी।

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