2025 में Paint industry: मंदी, प्राइस वॉर और नए खिलाड़ियों का उदय घरों की रंगत फीकी पड़ी
साल 2025 भारतीय Paint industry के लिए उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। शहरी इलाकों में घरों की पेंटिंग पर लोगों ने कटौती की, जबकि नए प्लेयर्स जैसे बिरला ओपस और JSW पेंट्स ने बाजार में धूम मचा दी। सवाल यह है कि क्या एशियन पेंट्स जैसे दिग्गज इस प्रतिस्पर्धा में टिक पाएंगे?
इस रिपोर्ट में हम FY25 की चौथी तिमाही के दौरान पेंट सेक्टर की हालत, गिरती मांग, प्राइस वॉर और बड़े अधिग्रहणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

शहरी मंदी बनाम ग्रामीण संभावनाएं
Paint industry ने इस साल दो अलग-अलग तस्वीरें देखीं। शहरों में लोगों ने गैर-जरूरी खर्चों में कटौती की, जिससे डेकोरेटिव पेंट्स की मांग दो दशकों के निचले स्तर पर पहुंच गई। एशियन पेंट्स ने इसे “सबसे कमजोर डिमांड” बताया।
प्रीमियम पेंट्स का बाजार ठंडा
कंपनियां पिछले कुछ सालों से प्रीमियम पेंट्स (जैसे वेदरप्रूफ एक्सटीरियर, सिल्की फिनिश) पर जोर दे रही थीं, लेकिन 2025 में यह रणनीति काम नहीं आई।
बर्जर पेंट्स ने प्रीमियम सेगमेंट में 18% का मुनाफा बढ़ाया, लेकिन एशियन पेंट्स के ग्राहक सस्ते विकल्पों की तरफ मुड़ गए। कंपनी ने 5% से ज्यादा कीमतें घटाईं, फिर भी रेवेन्यू 4% गिर गया। इससे साफ है कि महंगाई के दौर में ग्राहक बजट फ्रेंडली ऑप्शन्स चुन रहे हैं।
बिरला ओपस ने मचाई हलचल
सबसे बड़ा झटका ग्रासिम इंडस्ट्रीज के नए ब्रांड बिरला ओपस ने दिया। कंपनी ने पांच नए प्लांट लगाकर डेकोरेटिव पेंट्स में भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बनने का दावा किया। सिर्फ एक साल में ही उसने सिंगल-डिजिट मार्केट शेयर हासिल कर लिया।
एशियन पेंट्स ने जवाब में कीमतें घटाईं, लेकिन इससे उसका मार्जिन प्रभावित हुआ। बिरला ओपस का लक्ष्य अगले तीन साल में 10,000 करोड़ का टर्नओवर हासिल करना है, जो सेक्टर के लिए एक बड़ी चुनौती है।
एशियन पेंट्स के लिए मुश्किलें बढ़ीं
एशियन पेंट्स का Q4 प्रदर्शन निराशाजनक रहा:
- नेट प्रॉफिट 45% गिरकर 692 करोड़ रहा।
- इंडोनेशियाई यूनिट की बिक्री से एकमुश्त नुकसान हुआ।
- रुपये की गिरावट ने इंपोर्टेड केमिकल्स को महंगा कर दिया।
सबसे बड़ा झटका तब लगा जब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एशियन पेंट्स के 3.5 करोड़ शेयर (7,703 करोड़ रुपये मूल्य के) बेच दिए। यह कदम निवेशकों के बदलते रुख का संकेत देता है।
JSW पेंट्स ने ड्यूक्स को खरीदकर बढ़ाया दबदबा
JSW ग्रुप ने बड़ी चाल चलते हुए ड्यूक्स पेंट्स के 74.76% हिस्सेदारी को 9,400 करोड़ रुपये में खरीद लिया। इस डील के बाद:
- JSW पेंट्स का रेवेन्यू तुरंत 3,000 करोड़+ हो गया।
- इंडस्ट्रियल पेंट्स सेगमेंट में कंसाई नेरोलैक के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच गई।
शेयर बाजार में किसने मारी बाजी?
एशियन पेंट्स के शेयर ने पिछले 5 साल में 7% की गिरावट दर्ज की:
- 2021 में शेयर ₹3,293 के स्तर पर था, जो 2025 में ₹2,880 तक पहुंच गया।
- FY25 में PAT में 45% की गिरावट आई।
वहीं, बर्जर पेंट्स ने बेहतर प्रदर्शन किया, और बिरला ओपस नए खिलाड़ी के तौर पर उभरा।
भविष्य में क्या उम्मीद की जा सकती है?
अगले साल के लिए कुछ सकारात्मक संकेत हैं:
- सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से डिमांड बढ़ सकती है।
- अच्छा मॉनसून ग्रामीण बाजार को पुनर्जीवित कर सकता है।
- रियल एस्टेट सेक्टर में विकास से पेंट की मांग बढ़ेगी।
लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं:
- अंबुजा सीमेंट भी अब पेंट बिजनेस में एंट्री कर रहा है।
- बिरला ओपस ने 3 साल में 10% मार्केट शेयर का लक्ष्य रखा है।
बदल रहा है Paint industry का परिदृश्य
एशियन पेंट्स जैसे दिग्गजों के लिए यह साल चुनौतीपूर्ण रहा, जबकि नए प्लेयर्स तेजी से मार्केट शेयर हासिल कर रहे हैं। अगले कुछ सालों में Paint industry 10-12% सालाना ग्रोथ दर से बढ़ सकती है, लेकिन हर कंपनी को हर लीटर पेंट के लिए जंग लड़नी पड़ेगी।
सवाल यह है: क्या एशियन पेंट्स अपना खोया हुआ गौरव वापस पा सकेगी, या बिरला ओपस और JSW पेंट्स नया इतिहास रच देंगे? जवाब समय के पास है।
Disclaimer
- सामान्य जानकारी: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। यह किसी भी प्रकार की निवेश, वित्तीय या व्यावसायिक सलाह नहीं है।
- बाजार जोखिम: शेयर बाजार और व्यावसायिक निर्णयों से जुड़े जोखिम हो सकते हैं। पेंट सेक्टर में उल्लिखित कंपनियों के प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाएं बाजार की स्थितियों पर निर्भर करती हैं।
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- डेटा की सटीकता: लेख में उपयोग किए गए आंकड़े और तथ्य सार्वजनिक स्रोतों (जैसे कंपनी रिपोर्ट्स, समाचार) पर आधारित हैं, लेकिन इनकी पूर्ण सटीकता की गारंटी नहीं दी जा सकती।
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